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#मेरा_दर्द #एक_खत_मेरे_साथियों_के_नाम मुझे पता ह

#मेरा_दर्द

#एक_खत_मेरे_साथियों_के_नाम

मुझे पता है मेरी बेबाकी को लोग सराहने के बजाय उसकी निंदा करेंगे, मुझे उस दल का समर्थक बताएंगे जो विपक्ष मे हो, लेकिन इस बात से मुझे कोई फर्क नही पड़ता क्योंकि मै जानता हूँ मै निष्पक्ष रूप से, निस्वार्थ भाव से और निष्ठा के साथ हर वक्त अपने आप को कलम के माध्यम से इस देश के भले के लिए प्रतिबद्ध रखूँगा, और ये उम्मीद भी नही छोड़ूंगा कि किसी ना किसी दिन मेरे भाई, मेरे दोस्त मुझको समझें, उस दिन के आने से पहले कि जब हमरी मौजूदगी के बजाय हमारी यादें उन सबके जहन मे जिंदा रहेगी ठीक भगत सिंह की तरह, क्योंकि उनको समझने मे इतनी देर की गई कि वो बेशकीमती हीरा हमारे बीच नही रहा, 

मेरा कहने का ये कतई मतलब नही है कि मै अपनी तुलना उस कोहिनूर से कर रहा हूँ, मुझे ये कहने मे जरा भी संकोच नही होगा कि मै उनके पैर की धूल भी बन जाऊँ तो खुद को बहुत खुशनसीब समझूंगा, 

मुझे मशहूर होने की तनिक भी लालसा नही है, मै व्यथित हूँ हर उस व्यवहार से जो मुझे समझने के बजाय मुझमे खामिया खोजता है, मै इतना बड़ा नही हूँ कि खुद को सबसे ज्यादा समझदार कह सकूँ, पर ये भी सत्य है कि मुझे अच्छे-बुरे की थोड़ी-बहुत समझ तो है जो मुझे बेबाकी से बोलने मे सहायक है !

मेरे शब्दो से यदि किसी को कष्ट होता हो तो मुझे माँफ करें, किंतु मै ऐसा ही रहूँगा, क्योंकि बहुत मुश्किल हुई मुझे खुद को ऐसा बनाने मे,

#गिर्दाब #NojotoQuote #गिर्दाब
#मेरा_दर्द

#एक_खत_मेरे_साथियों_के_नाम

मुझे पता है मेरी बेबाकी को लोग सराहने के बजाय उसकी निंदा करेंगे, मुझे उस दल का समर्थक बताएंगे जो विपक्ष मे हो, लेकिन इस बात से मुझे कोई फर्क नही पड़ता क्योंकि मै जानता हूँ मै निष्पक्ष रूप से, निस्वार्थ भाव से और निष्ठा के साथ हर वक्त अपने आप को कलम के माध्यम से इस देश के भले के लिए प्रतिबद्ध रखूँगा, और ये उम्मीद भी नही छोड़ूंगा कि किसी ना किसी दिन मेरे भाई, मेरे दोस्त मुझको समझें, उस दिन के आने से पहले कि जब हमरी मौजूदगी के बजाय हमारी यादें उन सबके जहन मे जिंदा रहेगी ठीक भगत सिंह की तरह, क्योंकि उनको समझने मे इतनी देर की गई कि वो बेशकीमती हीरा हमारे बीच नही रहा, 

मेरा कहने का ये कतई मतलब नही है कि मै अपनी तुलना उस कोहिनूर से कर रहा हूँ, मुझे ये कहने मे जरा भी संकोच नही होगा कि मै उनके पैर की धूल भी बन जाऊँ तो खुद को बहुत खुशनसीब समझूंगा, 

मुझे मशहूर होने की तनिक भी लालसा नही है, मै व्यथित हूँ हर उस व्यवहार से जो मुझे समझने के बजाय मुझमे खामिया खोजता है, मै इतना बड़ा नही हूँ कि खुद को सबसे ज्यादा समझदार कह सकूँ, पर ये भी सत्य है कि मुझे अच्छे-बुरे की थोड़ी-बहुत समझ तो है जो मुझे बेबाकी से बोलने मे सहायक है !

मेरे शब्दो से यदि किसी को कष्ट होता हो तो मुझे माँफ करें, किंतु मै ऐसा ही रहूँगा, क्योंकि बहुत मुश्किल हुई मुझे खुद को ऐसा बनाने मे,

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