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वो चांद मेरी दुनिया की मै उस चांद का टुकडा हू वो म

वो चांद मेरी दुनिया की मै उस चांद का टुकडा हू
वो माँ मेरी और मै उसका मुखड़ा हूँ,

पूरी होकर भी वो अधूरी है अधूरी हो कर भी पूरी है,
मै बेटी उसकी , वो माँ मेरी अलबेली है,

मासूम और निस्छ्ल है,
वो तो पवित्र गंगा जल है,

अरे असमां के चांद मे तो दाग है,
मेरे चांद मे तो अफताब है,

वो चांद मेरी दुनिया की मै उस चांद का टुकडा हू,
वो माँ मेरी और मै उसका मुखड़ा हूँ,
           
by shiwangi #chand
वो चांद मेरी दुनिया की मै उस चांद का टुकडा हू
वो माँ मेरी और मै उसका मुखड़ा हूँ,

पूरी होकर भी वो अधूरी है अधूरी हो कर भी पूरी है,
मै बेटी उसकी , वो माँ मेरी अलबेली है,

मासूम और निस्छ्ल है,
वो तो पवित्र गंगा जल है,

अरे असमां के चांद मे तो दाग है,
मेरे चांद मे तो अफताब है,

वो चांद मेरी दुनिया की मै उस चांद का टुकडा हू,
वो माँ मेरी और मै उसका मुखड़ा हूँ,
           
by shiwangi #chand