साल दर साल यूं ही बीत जाएंगे ज़ख्म गहरे हे मगर ये भी भर जाएंगे रह जाएंगी तो सिर्फ यादे तेरी ये यादे मुझे छोड़ कर कहा जाएंगे ऐसा नहीं कि कोशिश नहीं हे तुझे भूलाने की मगर भुला कर तुझे हम न रह पाएंगे तुम हो गई हो किसी ओर कि तो कोई बात नहीं हम किसी ओर को अपनी बाहों में न ले पाएंगे तेरे जाने का गम लिए हम जिये जाएंगे मगर किसी ओर से न रिश्ता हम निभा पाएंगे साल दर साल यूं ही बीत जाएंगे ज़ख्म गहरे हे मगर ये भी भर जाएंगे ।। -अनमोल #Night #तन्हाबातें #गुमनामशायर