नज़रों का करम मुझ पर इतना कर दिया है, की तेरी मोहब्बत के लिए बागी हो चली हू।। मुझे इतना दिखा दिया है रस्ता नशा ए इश्क का।। मैं इश्क़ के मयखानों का आदि हो चली हू। अल-वीरा ज़िन्दगी नज़रों का करम मुझ पर इतना कर दिया है, की तेरी मोहब्बत के लिए बागी हो चली हू।। मुझे इतना दिखा दिया है रस्ता नशा ए इश्क का।। मैं इश्क़ के मयखानों का आदि हो चली हू। #zindagiejahan अल-वीरा ज़िन्दगी