अन्याय करने वाले से ज्यादा गुनहगार, अन्याय सहने वाला होता है। सहने से अच्छा है , उसके खिलाफ आवाज उठाए। जीना है तो शान से जिये, लाश तो एक दिन सबको बनना ही है, जिते जी क्यों अन्याय सहकर "खुद को मारना"। ©kalpana srivastava #voice_against_injustice