बस उन लम्हों के लिए, जो लम्हों में आज मैं, फिर से जीना चाहता हूँ, घुट घुट के हर जख्म सहे है मैंने, तेरे इंतजार में, अभी भी कर रहा हूं मैं सब्र, तुम्हारे एक आश का, तेरी एक दस्तक से लगेगा, जैसे मेरे जीने का मकसद पूरा। ज़हर पिया मैंने, सब्र किया मैंने... #सब्रकिया #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #hindipoetry #yourquotebaba #restzone #love