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जिसमें हिम्मत है सामने आ के कहो जो कहना है वो तो ह

जिसमें हिम्मत है सामने आ के कहो जो कहना है वो तो होगा नहीं। राजनीतिज्ञ ही सबने करनी है तो करते रहो और फिर मैं झूठा! वाह! रे! वाह! जैसे मुझे कुछ पता नहीं और कोई खबर नहीं। सिर्फ ख़ामोश हूं दिखता सब है सबका। मुझे बोलने से पहले ये राजनीति जो के तंज़ कसने या मजाक में बात बोल के लिखने और टौपिक एक से शुरू होके फिर वही गलत और घटियापन दिखा के ही अगर लिखना ही है तो मैं तो सीधा सीधा करता हूं और ओर्जिनल हूं चाहे सिर्फ बातें ही लिखता हूं क्योंकि अगर पोएम्स या साहित्यिक कहानी ही लिखनी है तो तब तुम लोग ख़ामोश हो जाते हो और प्यार की बात उठा लो या आजकल कुछ भी लिख दो जो प्यार से रिलेटेड भी न हो तो उसे भी तुम सब जोड़ तोड़ के मतलब निकाल लो तो भई तब नहीं यहां कोई और अविश्वासी या बेकार इंसान या लेखक या कुछ और..... और इस प्लैटफॉर्म से उम्मीद भी क्या फिर तुम्हें उम्मीद नहीं मुझसे । आओ अपने घर के बाहर मुझे न ढूंढो मैं तो यहीं हूं बस कचरा देख रहा हूं और सूंघ रहा हूं चारों तरफ तुम्हारे और उसे धीरे धीरे साफ़ ही कर रहा हूं और तुम और मुजपर दूसरों के कहने से मुझसे ही नाराज़ हो जाओ । तो ठीक है भई ये भी इल्जाम ले लिया हंसते हंसते और कुछ नहीं कहा किसी को भी और जाने दिया मगर हद को कबतक कॉम्प्रोमाइज कर के जाने दूं । #राइटर्स #allwriters #yourquote
जिसमें हिम्मत है सामने आ के कहो जो कहना है वो तो होगा नहीं। राजनीतिज्ञ ही सबने करनी है तो करते रहो और फिर मैं झूठा! वाह! रे! वाह! जैसे मुझे कुछ पता नहीं और कोई खबर नहीं। सिर्फ ख़ामोश हूं दिखता सब है सबका। मुझे बोलने से पहले ये राजनीति जो के तंज़ कसने या मजाक में बात बोल के लिखने और टौपिक एक से शुरू होके फिर वही गलत और घटियापन दिखा के ही अगर लिखना ही है तो मैं तो सीधा सीधा करता हूं और ओर्जिनल हूं चाहे सिर्फ बातें ही लिखता हूं क्योंकि अगर पोएम्स या साहित्यिक कहानी ही लिखनी है तो तब तुम लोग ख़ामोश हो जाते हो और प्यार की बात उठा लो या आजकल कुछ भी लिख दो जो प्यार से रिलेटेड भी न हो तो उसे भी तुम सब जोड़ तोड़ के मतलब निकाल लो तो भई तब नहीं यहां कोई और अविश्वासी या बेकार इंसान या लेखक या कुछ और..... और इस प्लैटफॉर्म से उम्मीद भी क्या फिर तुम्हें उम्मीद नहीं मुझसे । आओ अपने घर के बाहर मुझे न ढूंढो मैं तो यहीं हूं बस कचरा देख रहा हूं और सूंघ रहा हूं चारों तरफ तुम्हारे और उसे धीरे धीरे साफ़ ही कर रहा हूं और तुम और मुजपर दूसरों के कहने से मुझसे ही नाराज़ हो जाओ । तो ठीक है भई ये भी इल्जाम ले लिया हंसते हंसते और कुछ नहीं कहा किसी को भी और जाने दिया मगर हद को कबतक कॉम्प्रोमाइज कर के जाने दूं । #राइटर्स #allwriters #yourquote
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Madhav Jha

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