तुम अपने आप में परिपूर्ण हो, शारीरिक कष्टों से परे स्वयं को, महसूस करो , किसी और के , नकारात्मक विचारों से स्वयं को , वशीभूत कर , अपने ओरा को , मलिन न करो। जैसा तुम स्वयं के लिए विचारोंगे, वैसा ही महसूस करोगे। नकारात्मक विचारों से, नकारात्मक ऊर्जा को, अपने आसपास आभास करोगे । सकारात्मक विचारों से सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो अपने व्यक्तित्व को निखार कर , जीवन में सरलता तथा सकारात्मकता का संचार करती है। अपने आप के अंतः में स्थापित ईश्वर को, ध्यान में रख अपने ओरा को सकारात्मक , ऊर्जा से प्रज्वलित रखे और जीवन का आनंद लेते रहे। कविता जयेश पनोत सकारात्मक विचार