तुम्हारी याद में बेबी सुनो अब क्या है हाले दिल की मैक्सी को पहन तेरी लड़ाई खुद से अब हर दिन सुना देता हूं खुद को ही जो होता है ये दिन बोझिल लड़ाई भी न हो तुमसे तड़पता है मेरा ये दिल लड़ाई याद आती है कड़ाई याद आती ये सूनी चारपाई भी मुझे अब मुंह चिढ़ाती है अभी हर ओर है कचरा और सन्नाटा भी है पसरा बड़ा आराम है लेकिन ये मन जाता है क्यू पसरा मोहब्बत है वफा है ये या कोई है ये अनुकूलन मैं खुद को ढाल बैठा हूं खुशी को टाल बैठा हूं बिना चिक चिक अकेले में क्यू यूं निढाल बैठा हूं चलो जो भी है आ जाओ तड़ित से तुम चमक जाओ हम आयन है धन और ऋण बत्ती घर की जला जाओ ©दीपेश #lovelyfight #OneSeason