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ओछे की प्रीत भालू की भीत ये प्रेम कहानी सबको नहीं

ओछे की प्रीत भालू की भीत
ये प्रेम कहानी सबको नहीं भाती

कोई चाहे जितना भी समझाए उसको
पर उसे समझ प्रेम की भाषा नहीं आती

लातों के भूत बातों से कहां मानते है यार
बस यही भाषा हमको उन्हें समझानी नहीं आती
 ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_278 

👉 ओछे की प्रीत बालू की भीत लोकोक्ति का अर्थ ---- नीच लोगों का प्रेम क्षणिक होता है। 

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ दो लेखकों की रचनाएँ फ़ीचर होंगी।
ओछे की प्रीत भालू की भीत
ये प्रेम कहानी सबको नहीं भाती

कोई चाहे जितना भी समझाए उसको
पर उसे समझ प्रेम की भाषा नहीं आती

लातों के भूत बातों से कहां मानते है यार
बस यही भाषा हमको उन्हें समझानी नहीं आती
 ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_278 

👉 ओछे की प्रीत बालू की भीत लोकोक्ति का अर्थ ---- नीच लोगों का प्रेम क्षणिक होता है। 

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