सत्य को झूठलाया नहीं जा सकता हैं कुछ तो बात है इन हाथों की लकीरों में वर्ना यू ही कोई छोटा या बड़ा नहीं हो जाता किस्मत कब किसकी बदल जाए ये वक़्त भी तय रहता है Rakhi.. #इन#हाथों#की#लकीरों में