पहुंचा जब नुक्कड़ पर तो यारों ने गले लगाया बैग उठाकर उसको स्टेशन तक था पहुंचाया बैठ ट्रेन में चला वो जब मन में दुखों का झोका था अपनी नम आंखों से उसने सबको रोता देखा था बेटियां तो एक बार मगर बेटे कई बार विदा होते हैं हां वो बात अलग हैं कि दिखाते नही मगर छुप छुप कर रोते है ©Ankur tiwari #bete