अरमानों के दरीया संग मयकानों के लहरों संग स्नेहिल जन के अनुराग तले फुलों के हर ख्वाब तले हमें जीना आता है जिन्दगी हर लम्हें को हरपल को गम में डुबकर खुशियों में तैरकर