जीत मेरे ख्यालों की, प्यार की बनती तस्वीर हो तुम। माँग लूँ हर जन्म के लिए मेरी बनती बिगड़ती तक़दीर हो तुम। मेरी कलम थक गई तुम्हें बयां कर के, मेरी नई पुरानी तहरीर हो तुम। ना हो कोई असर किसी तावीज़ का, हर आम-ओ-ख़ास मुद्दे का तासीर हो तुम। मेरी पहली ख़्वाहिश तुम, हर नई शुरुआत का आधार हो तुम। 🎀 Challenge-181 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है। 🎀 कृपया कोरा काग़ज़ समूह के नियम एवं निर्देश अवश्य पढ़ लें। बाक़ी सभी ने हमारी ही नकल की है। 😊