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पल्लव की डायरी सुबह शाम रहती थी मेरे नाम अरमान सब

पल्लव की डायरी
सुबह शाम रहती थी मेरे नाम
अरमान सब के मुझसे जुड़े थे
फिक्र सबकी मेरे हिस्से में थी
जोड़े रहते सबको एक सूत्र में
बस परिवारों की मुस्कराहट पर
हम फिदा रहते थे
 व्यस्त हो गये सब अपने मे अब
हम तन्हा अकेले इस पड़ाव पर रह गये
                                           प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #tanha हम तन्हा अकेले इस पड़ाव में रह गये
पल्लव की डायरी
सुबह शाम रहती थी मेरे नाम
अरमान सब के मुझसे जुड़े थे
फिक्र सबकी मेरे हिस्से में थी
जोड़े रहते सबको एक सूत्र में
बस परिवारों की मुस्कराहट पर
हम फिदा रहते थे
 व्यस्त हो गये सब अपने मे अब
हम तन्हा अकेले इस पड़ाव पर रह गये
                                           प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #tanha हम तन्हा अकेले इस पड़ाव में रह गये