#5LinePoetry आज सूना सूना सा हूं इस कोह ए जहां में ये आफताब गुरूब हुआ है मेरे दबिस्ता में कह दो ना ना बीते वो शब के पल इस तरह दो गज भी नसीब ना हुआ इस खाक ए यार में ©Rahil Azam #राहिल आज़म #5LinePoetry