ज़िन्दगी बहुत जी लिए खुदगर्ज़ी में , अब थोड़ा जीवन दूसरों के लिए भी बिताया जाए ! महकाया रासायनिक सुगंधो से इस तन को कई बार , अब परोपकार के चन्दन से रूह को महकाया जाए ! लिया है जन्म जो मानव के रूप में, तो फिर मानवता का धर्म भी निभाया जाए ! न जाने किस घड़ी इस जीवन पर मौत दस्तक दे देगी , उस घड़ी से पहले इस जीवन को सफल बनाया जाए ! पंकज जैन #life#nojoto#help