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"कलम में धार चढ रही है ll तेजी से आगे बढ़ रही है

"कलम में धार चढ रही है ll
  तेजी से आगे बढ़ रही है ll

 शोर बहुत पीछे छूट गया है, 
 कलम भावों को पकड़ रही है ll

 दर्द सजा सजाकर लिखा मेने, 
 दुनिया खुशी-खुशी पढ रही है ll

 बेचैनियों से दोस्ती है कलम की, 
 और सूकून के पलों से लड़ रही है ll

 आंखें से आंसू बहने लगेंगे, 
 कलम की नोक गड रही है ll"

©Aditya kumar prasad
  कलम

कलम #Poetry

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