#Pehlealfaaz इतनी जल्दी में ना पढ़ो मेरी किताबें, मुझे जानने के लिए इन्हें वक़्त दो। सारा शहर दिया तुझे तेरी ख़ुशी के लिए, मेरी हंसी के लिए मेरा गांव बख्श दो। तहखाने में ना डालो मेरी यादों को तुम, इन्हें अपनी धड़कने बनने का हक दो। माना नफरतें बड़ी गहरी हैं हमसे तेरी मेरी नज़्में मीठा गुड हैं थोड़ा चख लो। इतनी जल्दी में ना पढ़ो मेरी किताबें, मुझे जानने के लिए इन्हें वक़्त दो। #मेरी किताबें #ग़ज़ल nirdosh mandhar