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हाथ पकड़ ले अब भी तेरा हो सकता हूँ मैं भीड़ बहुत ह

हाथ पकड़ ले अब भी तेरा हो सकता हूँ मैं
भीड़ बहुत है इस मेले में खो सकता हूँ मैं!

पीछे छूटे साथी मुझ को याद आ जाते हैं
वरना दौड़ में सब से आगे हो सकता हूँ मैं

इक छोटा सा बच्चा मुझमें अबतक ज़िंदा है
छोटी छोटी बात पे अब भी रो सकता हूँ मैं!

कब समझेंगे जिन की खातिर फूल बिछाता हूँ
इन रस्तों पर काँटे भी तो बो सकता हूँ मैं!!!

सन्नाटे में दहशत हर पल गूंजा करती है
इस जंगल में चैन से कैसे सो सकता हूँ मैं

सोच समझ कर चट्टानों से उलझा उन वरना
बहती गंगा में हाथों को धो सकता हूँ मैं!!!
                               - आलम खुर्शीद 



 #NojotoQuote Beautiful Lines written by Alam Khurshid
हाथ पकड़ ले अब भी तेरा हो सकता हूँ मैं
भीड़ बहुत है इस मेले में खो सकता हूँ मैं!

पीछे छूटे साथी मुझ को याद आ जाते हैं
वरना दौड़ में सब से आगे हो सकता हूँ मैं

इक छोटा सा बच्चा मुझमें अबतक ज़िंदा है
छोटी छोटी बात पे अब भी रो सकता हूँ मैं!

कब समझेंगे जिन की खातिर फूल बिछाता हूँ
इन रस्तों पर काँटे भी तो बो सकता हूँ मैं!!!

सन्नाटे में दहशत हर पल गूंजा करती है
इस जंगल में चैन से कैसे सो सकता हूँ मैं

सोच समझ कर चट्टानों से उलझा उन वरना
बहती गंगा में हाथों को धो सकता हूँ मैं!!!
                               - आलम खुर्शीद 



 #NojotoQuote Beautiful Lines written by Alam Khurshid