"मैं कैसे लिखुँ? " नारी सशक्तिकरण की आड़ में क्या जायज़ है सम्पूर्ण पुरुष कुल की निंदा, क्या इन पुरुषो के बिना, मैं रह पाऊँगी जिंदा l क्या इनसे परे, मैं अपनी उड़ान कभी उड़ पाऊँगी बन कोई आजाद परिंदा l मग़र स्त्री की दुःखो का श्रोत भी तो पुरुष ही है तो क्या नारी सशक्तिकरण की आड़ में उन पुरुषों से घृणित रहूँ मैं जिनसे बनती है बालिकाएँ, लक्ष्मी बाईयाँ कल्पना, किरण और मीना कुमार "मैं कैसे लिखुँ ?"इन पुरुषों के विरोध में l *Full delivered in caption *😊 Dedicating a #testimonial to दीप 🌠 ❤नमन आपको माँ गौरी स्वरूपा देवी प्रतिरूपा 🙏😔😔 ✨️✨️ अच्छा जी☺️☺️🌺🌺 तो आप हमें indirectly ताने मार रही हैं कि हम सिर्फ़ नारी सम्मान हेतु ही लिखते हैं,,, चलो आज आपको दिखाते हैं कि हम पुरुष भी किसी स्त्री से कम नहीं हैं देवी 😊🍎🌺🤗 आपका ये शिकायते भी दूर कर देते हैं आज जी 🙏😅😅 .🌺 🌺 🌺