White खुला पिंजरा और पंछी क़ैद से आज़ाद हुआ, हम बैठे रहे इस सोच मे,अचम्भा ये मुद्दतो बाद हुआ, कहाँ चलती हैं जिंदगी, कभी ख़ुद को खोने के बाद, अश्क़ भी सूख जाते है, मुसलसल रोने के बाद, अब जाकर हिम्मतों की एक एक कड़ी जोड़ी है, उसमे हौसला गज़ब का है, उम्मीद थोड़ी है, बसर होती रही ज़ब तक, सहन करते रहे हम, खर्च होती रही उम्र, और वहन करते रहे हम, खुला पिंजरा तो आज, हौसलों ने फ़िर उड़ान भरी है, छू लेना हैं वो आसमान, मेरी उम्मीद खरी है।। -पूनम आत्रेय ©poonam atrey #खुलापिंजरा #पूनमकीकलमसे #नोजोटोहिन्दी अदनासा- मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे मोटिवेशनल कोट्स हिंदी