आरोग्यं विद्वत्ता सज्जनमैत्री महाकुले जन्म । स्वाधीनता च पुंसां महदैश्वर्यं विनाप्यर्थे: ।। आरोग्य विद्वता सज्जनों से मैत्री श्रेष्ठ कुल में जन्म दूसरे के ऊपर निर्भर ना होना यह सब धन नहीं होते हुए भी पुरुषों का ऐश्वर्य है. ©Breej #RIPHUMANITY