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सुख क्या औकात तुम्हारी है दरबदर भटकते रहते हो दुख

सुख क्या औकात तुम्हारी है
दरबदर भटकते रहते हो
दुख को देखो दरयादिल है
हर दर पर बाजी मारी है

©दीपेश #दुखसुख

#jail
सुख क्या औकात तुम्हारी है
दरबदर भटकते रहते हो
दुख को देखो दरयादिल है
हर दर पर बाजी मारी है

©दीपेश #दुखसुख

#jail