बचपन में विपत्ति पचपन में संपत्ति का बटवारा हो ही जाता है। जब हम कुछ नही जानते तो हम निरक्षर जब सब जानने लगते है, तब निरक्षर जैसा प्रवृत्ति पता नही कब साक्षर बनेंगे लोग। . ©Asheesh Kumar Mishra #साक्षर