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मैं फ़िर से वो बचपन चाहता हूँ। सुबह चिड़ियों के चहकन

 मैं फ़िर से वो बचपन चाहता हूँ।
सुबह चिड़ियों के चहकने से उठना चाहता हूँ।।
स्कूल जाते वक़्त माँ से कुछ पैसे माँगना चाहता हूँ। 
उन पैसे से लंगोटीयों को चोक्लेट खिलाना चाहता हूँ।।

मैं फ़िर से वो बचपन चाहता हूँ।
कड़ी धुप मे नंगे पावँ चलना चाहता हूँ।।
हो मौसम बरशात का तो नंगे नहाना भी चाहता हूँ।
 मैं फ़िर से वो बचपन चाहता हूँ।
सुबह चिड़ियों के चहकने से उठना चाहता हूँ।।
स्कूल जाते वक़्त माँ से कुछ पैसे माँगना चाहता हूँ। 
उन पैसे से लंगोटीयों को चोक्लेट खिलाना चाहता हूँ।।

मैं फ़िर से वो बचपन चाहता हूँ।
कड़ी धुप मे नंगे पावँ चलना चाहता हूँ।।
हो मौसम बरशात का तो नंगे नहाना भी चाहता हूँ।