#ballet सरकशो का*बेकसों पे हो रहा तशदुदे इंतकाम हरदम,रकीबों की साजिशों से रहा है,अपनों पे इल्जाम हरदम//१*असहाय
बातिल की महफिल में जो करते है,हां में हां हरदम,वो खुद हैं ख़तावार,और लगाए तहज़ीब पे इल्ज़ाम हरदम//२
अदालते*अदू में गुर्गों ने दी है गवाही हरदम,के माफियों ने लगाए,मजलूमों पे संगीन इल्ज़ाम हरदम//३*शत्रु
बदस्तूर बदगुमानी उनकी रहती है जारी,किसको लगाए लगाम,और किसको दे इल्जाम हरदम//५
#Trending#writersofindia#poetsofindia#explorepage#poetrycorner#viralpage#shamawritesBebaak#2023Recap