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इश्क़ का होना भी लाजमी है शायरी के लिए..... वरना कल

इश्क़ का होना भी लाजमी है शायरी के लिए.....
वरना
कलम लिखती तो बाबू का दफ्तर भी ग़ालिब होता ...

                              - मोहित कौशिक #तू_मेरी_ज़िंदगी_है
इश्क़ का होना भी लाजमी है शायरी के लिए.....
वरना
कलम लिखती तो बाबू का दफ्तर भी ग़ालिब होता ...

                              - मोहित कौशिक #तू_मेरी_ज़िंदगी_है