गलती हो गयीं जो अब हम से ये बात अब हमने मानी है । प्रकृति से जो की छेडख़ानी है । बरसा है हम पे तेरा ये कहर इस कदर की अब अपनो के लिए तरसता ये आँखों का पानी है । गलती हो गयीं जो अब हम से ये बात अब हमने मानी है । माफ कर दे हमें सजा कर दे खत्म बच्चे है हम तेरे तेरे आगे हमारी कोई औकात नहीं है ये बात अभी तो हमने जानी है । गलती हो गयीं जो अब हम से ये बात अब हमने मानी है । ©SCREATION Rab se maafi #covidindia