बचपन की यारी याद है तुझे वो हमारे बचपन की यारी वो बुढ़े माली के बुढ़ापे की लाचारी उसके बाग से फल चुराने की होशियारी साइकिल से रेस लगाने की खुमारी याद है तुझे वो अनकही बातें हमारी याद है तुझे वो घर के पीछे की पटरी वो पटरी के पास बनी डरावनी कोठरी कोठरी में दिन सारा गुजारने की बीमारी अपने रह्स्य छुपाके रखने की मंजूरी याद है तुझे वो हमारे बचपन की यारी याद है तुझे वो सब्जी वाली हमारी प्यार से कहते है जिसे हम सागकुमारी उसके टोकरी के मीठे फलों की चोरी चोरी पकड़े जाने पर समर्पण की जिम्मेदारी याद है तुझे वो हमारे बचपन की यारी वक़्त चाहे बीत गया पर हम तो अब भी वही है जितने अच्छे यार थे उतनी अच्छी यारी है तो क्या हुआ गर बालों में सफेदी की सहनाई है बस तुझसे मिल नहीं पता यही मेरी लाचारी है पर याद है मुझे हर एक प्रसंग जो दिलाता याद बचपन की यारी है जो दिलाता याद बचपन की यारी है #बचपन #यारी #bachpan #yaari #kahani #kavita #hindi #nojotohindi#nojotowriter #hindiwriter #poemwriter #writer #lekhakv#life #friendship #friends #aashishvyas #shayari #yaadein