सर्व प्रथम केवल एक स्थान ‘अनामी लोक‘ था। पूर्ण परमात्मा उस अनामी लोक में अकेला रहता था। उस परमात्मा का वास्तविक नाम कविर्देव अर्थात् कबीर परमेश्वर है। सभी आत्माऐं उस पूर्ण धनी के शरीर में समाई हुई थी।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
ब्रह्मा :- ब्रह्मा ब्रह्म का ज्येष्ठ पुत्र है, विष्णु मध्य वाला पुत्र है तथा शिव अंतिम तीसरा पुत्र है। ये तीनों ब्रह्म के पुत्र केवल एक ब्रह्माण्ड में एक विभाग (गुण) के स्वामी (प्रभु) हैं तथा
नाशवान हैं।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज