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अम्मा मेरी वो प्यारी अम्मा सबसे अलग व न्यारी अम्मा

अम्मा मेरी वो प्यारी अम्मा
सबसे अलग व न्यारी अम्मा
हर दुःख को पी जाती अम्मा
होंठो से मुस्कान बिखराती अम्मा
अम्मा तो मेरी अम्मा है जो
मेरे भी दुःख को हसँकर सह जाती अम्मा
सारे तंज वेदनाओं को न जाने कैसे है सहती अम्मा
दिन रात मेहनत करके सभी का ख्याल रख जाती अम्मा
सुबह से लेकर शाम तक 
हर दिन नये आयाम दे जाती अम्मा
खुद भूखी रहकर सभी बच्चों का भूख मिटाती अम्मा
आज दूर होकर मेरे करीब आ जाती अम्मा
मेरे सिरहाने बैठकर हौले हौले सर दबाती अम्मा
कैसी हो? ओ बिटिया मेरी सब कुछ पूछने ख्वाबो में आ जाती अम्मा
अपने गोद मे रख मेरा सर
प्यार की पोरो से मुझे सहला जाती अम्मा
हर दुःख सहने की मुझमे कमोबेश कुछ गुन भर जाती अम्मा
आँचल में भर ढ़ेरों स्नेह मुझपर उड़ेल चली जाती अम्मा
आखर आखर में क्या बयाँ करुं
सबसे सुंदर है मेरी अम्मा
तेरे जैसा न है कोई न तुमसा कोई बन पाएगा अम्मा
त्याग बलिदान की एक तू ही देवी
है चारों धाम तेरे कदमो में अम्मा
छलक जा रहे है आँसू मेरे अविरल गङ्गा की सी धारा अम्मा
एक तुमने ही तो समझा मुझको 
और तुमने ही पल- पल है सँवारा अम्मा
मेरी सारी कमियों को एक तुमने ही अनदेखा किया अम्मा
न ही किसी वस्तु का तुमने लेखा जोखा लिया अम्मा
जीवन भर तेरा ही आभार करूँगी अम्मा
जीवन भर तुमसे ही प्यार करूँगी अम्मा...।।

अंजली श्रीवास्तव
अम्मा मेरी वो प्यारी अम्मा
सबसे अलग व न्यारी अम्मा
हर दुःख को पी जाती अम्मा
होंठो से मुस्कान बिखराती अम्मा
अम्मा तो मेरी अम्मा है जो
मेरे भी दुःख को हसँकर सह जाती अम्मा
सारे तंज वेदनाओं को न जाने कैसे है सहती अम्मा
दिन रात मेहनत करके सभी का ख्याल रख जाती अम्मा
सुबह से लेकर शाम तक 
हर दिन नये आयाम दे जाती अम्मा
खुद भूखी रहकर सभी बच्चों का भूख मिटाती अम्मा
आज दूर होकर मेरे करीब आ जाती अम्मा
मेरे सिरहाने बैठकर हौले हौले सर दबाती अम्मा
कैसी हो? ओ बिटिया मेरी सब कुछ पूछने ख्वाबो में आ जाती अम्मा
अपने गोद मे रख मेरा सर
प्यार की पोरो से मुझे सहला जाती अम्मा
हर दुःख सहने की मुझमे कमोबेश कुछ गुन भर जाती अम्मा
आँचल में भर ढ़ेरों स्नेह मुझपर उड़ेल चली जाती अम्मा
आखर आखर में क्या बयाँ करुं
सबसे सुंदर है मेरी अम्मा
तेरे जैसा न है कोई न तुमसा कोई बन पाएगा अम्मा
त्याग बलिदान की एक तू ही देवी
है चारों धाम तेरे कदमो में अम्मा
छलक जा रहे है आँसू मेरे अविरल गङ्गा की सी धारा अम्मा
एक तुमने ही तो समझा मुझको 
और तुमने ही पल- पल है सँवारा अम्मा
मेरी सारी कमियों को एक तुमने ही अनदेखा किया अम्मा
न ही किसी वस्तु का तुमने लेखा जोखा लिया अम्मा
जीवन भर तेरा ही आभार करूँगी अम्मा
जीवन भर तुमसे ही प्यार करूँगी अम्मा...।।

अंजली श्रीवास्तव