मिलजुल कर हल ढूंढते हैं एकता में गौण बल ढूंढते हैं समाज का समभाव ढूंढते हैं सुरक्षा में प्रभाव ढूंढते हैं परिवार का सीना ढूंढते हैं प्यार में जीना ढूंढते हैं पंचायत में विकास ढूंढते हैं दीन का लबरेज आश ढूंढते हैं महिला में रचना ढूंढते हैं धीर-वीर का संरचना ढूंढते हैं पुरूष में स्वाभिमान ढूंढते हैं अस्तित्व का इंसान ढूंढते हैं मिलजुल कर हल ढूंढते हैं राष्ट्र का सम्बल ढूंढते हैं। हमारी मूलता सहयोग आश्रित!! मिलजुल कर हल ढूंढते हैं एकता में गौण बल ढूंढते हैं समाज का समभाव ढूंढते हैं