अपना दिल तो साफ है ऐसा बोलने वाले कितने सही होते हैं और न बोलने वाले, यह सब उलझनें है। बाते झुठी हो सकती है पर भाव नहीं। भावनाओ को समझना होगा ना कि बातो को। एक दुसरे की भावना को समझिए।