देखो कितना प्यारा बचपन.. जो नहीं मानता,,कोई भी बंधन.. जातिवाद हो ,, या हो दुश्मन.. सबको गले लगाता है.. ये सबको गले लगता है,,, आज सुबह जब खुल गई निंदिया.. देखा कितना तन्हा हूँ.. सोच मेरी,, अब नहीं है मेरी.. मैं भी समाज का मारा हूँ... कितना प्यारा था वो बचपन.. जो हर बंधन से ऊंचा था.. जो खुद में बहुत अनोखा था.. जो जातिवाद से ऊँचा था.. जो सबको गले लगता था... जो सबको गले लगता था... #yqbaba #yqdidi #life #jativaad #socialevil #bachpan #riseup देखो कितना प्यारा बचपन.. जो नहीं मानता,,कोई भी बंधन.. जातिवाद हो ,, या हो दुश्मन.. सबको गले लगाता है.. ये सबको गले लगता है,,,