क़दमों की आहट सुनते ही मैं पीछे मुड़ा..एक बुजुर्ग महिला लड़खड़ाते कदमों के साथ चली आ रही थी। शायद उनके घुटनों में तकलीफ़ थी,, बहुत ही मुश्किल से चल रही थी। मैं उनके पास गया और उनसे कहा अरे दादी जब आप तकलीफ में हो तो अकेले कयुं घर से निकलते हो।अगर कहीं गिर विर गए तो चोट लग जाएगी। तो दादी बोली अरे बेटा मैं अकेली नहीं वो देखो मेरा पोता मेरे साथ है,,दादी ने इशारा करते हुए कहा। मैंने देखा 17/18साल का लड़का हाथ में फोन लिए हुए धीरे धीरे आगे बढ़ रहा था......….................. ©Surjit \"Sabir\" Jugal Kisओर