नटखट बाबू का राज़ -------------------------- नटखट बाबू गए मदिरालय करने को मदिरापान। अपनी क्षमता का भी वे रखते थे बराबर ध्यान।। एक पैग पीने के बाद वे देखते अपनी जेब को। वेटर देखे भौंचक्का हो उनके इस अद्भुत खेल को।। हर इक पैग पे यही स्थिति रहा न गया वेटर से। पूछ लिया अंततः उसने क्या परेशान हो किसी डर से? बोले नटखट बाबू प्रेम से बताता हूँ तुमको राज़। अब नहीं बताया किसी को तुमसे कहूँगा आज।। जेब में है पत्नी का फ़ोटो जबतक दिखे न अच्छी। तब तक पीना सफल नहीं मेरा बात यही है सच्ची।। जब फ़ोटो अच्छी दिखने लगे तभी मैं घर को जाता हूँ। तब हो घर पर निडर साहसी मैं चुपड़ी रोटी खाता हूँ।। ✍️अवधेश कनौजिया© #laugh #hashtags #hansi #kavyadarpan #google #best #poetry #words नटखट बाबू का राज़ -------------------------- नटखट बाबू गए मदिरालय करने को मदिरापान। अपनी क्षमता का भी वे रखते थे बराबर ध्यान।।