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शियास्त के गुलीस्ताँ में फूल जैसा दिखता था वो शजर,

शियास्त के गुलीस्ताँ में फूल जैसा दिखता था वो शजर, घर मे ले आया तो मिट्टी को लहू लुहान कर दिया उसने।।
वो जो बड़े अदब से बैठा था बाजार के अंदर किसान बन कर के, जब आढ़त में लगा तो खेतों को श्मशान कर दिया उसने।।
सफेदपोश शख़्स जो आया था  नजर चुनावी मेले में हाथ जोड़े हुए, फिर मिला तो अहसानो को बस जान पहचान कर दिया उसने।। #मौकापरस्ती #opportunism
शियास्त के गुलीस्ताँ में फूल जैसा दिखता था वो शजर, घर मे ले आया तो मिट्टी को लहू लुहान कर दिया उसने।।
वो जो बड़े अदब से बैठा था बाजार के अंदर किसान बन कर के, जब आढ़त में लगा तो खेतों को श्मशान कर दिया उसने।।
सफेदपोश शख़्स जो आया था  नजर चुनावी मेले में हाथ जोड़े हुए, फिर मिला तो अहसानो को बस जान पहचान कर दिया उसने।। #मौकापरस्ती #opportunism