कभी अकेले रहें हो अपनों के बिना नींद हो अधुरी जैसे सपनों के बिना सूरज किरणों से दूर कैसे रहता होगा दर्द विरह का भला कैसे सहता होगा चंद्रमा को चांदनी का सहारा चाहिए सागर की लहरों को किनारा चाहिए धरती ये आसमां से जुदा कहाँ रहती हैं क्षितिज पे मिलने को बारंबार कहती हैं अक्सर तन्हाइयों में, सपने बुन लेता हूँ अनकहे अल्फ़ाज़ों को तेरे सुन लेता हूँ #cinemagraph #अनकहेअल्फ़ाज़ #yqdidi #yqhindiquotes #yqbaba #yqlovequotes #yqlovetales #yqloneliness