मेरे अंदर एक यादों का शहर बसता हे, जहा से बाहर निक

मेरे अंदर एक यादों का शहर बसता हे,
जहा से बाहर निकलने का ना कोई रास्ता हे,
उल्जा हुआ हूं उन शहर की गलियों में,
जहा से इंसान सिर्फ मुर्दा ही लौटता है।

©Mahendrasinh(Mahi) सिर्फ मुर्दा ही लौटता है👌👌👌
insta - @mahishayar226
#हिन्दी
#mahishayar

#alone
मेरे अंदर एक यादों का शहर बसता हे,
जहा से बाहर निकलने का ना कोई रास्ता हे,
उल्जा हुआ हूं उन शहर की गलियों में,
जहा से इंसान सिर्फ मुर्दा ही लौटता है।

©Mahendrasinh(Mahi) सिर्फ मुर्दा ही लौटता है👌👌👌
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#हिन्दी
#mahishayar

#alone