इस चार दिनो के जीवन को, मैं तो कुछ नही समझता हूँ। करता हूँ वही, सदा जिसको भीतर से सही समझता हूँ । ●कर्ण-शल्य संवाद● दिनकर {रश्मिरथी} #TuesdayThoughts #reading_again #RASHMIRATHI by #RamDhariSingh "#DINKAR"