सुबह की हवा अब प्रदूषण मुक्त हो रही है, वर्षों के बाद प्रकृति अपना नया रूप ले रही है, हमने अपनी सुविधाओं के चलते प्रकृति का हाल बेहाल कर दिया था, आज जब वो संतुलन बनाने आई तो हम सबको हाल बेहाल कर दिया, संतुलन बनाए रखने में हर जीव जन्तु की अपनी भूमिका थी, जंगलों को काटा, नदियों में कारखानों का कचरा डाला, ये सब तो हमारी मूर्खता थी, आजादी का गलत फ़ायदा उठा कर, हमने इसके हर एक नियम को तोड़ा है, लॉक डाउन में इसकी महात्वता को समझ कर, हमने एक बार फिर से अपने आप को इससे जोड़ा है, सुना है नदियां अब साफ़ सुथरी होकर बह रही हैं, और हवा भी अब उच्च गुणवत्ता लिए चल रहीं हैं, वर्षों का काम कुछ एक महीने में ही कर लिया, लॉक डाउन में प्रकृति ने अपने आप को फिर से नया कर लिया, हम सबकी एक अधूरी कहानी By Vedprakash #Impactoflockdownonbiodivercity