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रकीब की बाहों को उसकी अगली जमात समझता हूँ उसकी बेव

रकीब की बाहों को उसकी अगली जमात समझता हूँ
उसकी बेवफ़ाई को भी मैं अपनी जकात समझता हूँ
मिलने पाए जो भी दर्द-ए-गम इस रुसवाई में,
मैं उसके दिए हर एक गम का खुद को हक़दार समझता हूँ ! MONIKA SINGH Anuj Yadav Anshika Gangwar
रकीब की बाहों को उसकी अगली जमात समझता हूँ
उसकी बेवफ़ाई को भी मैं अपनी जकात समझता हूँ
मिलने पाए जो भी दर्द-ए-गम इस रुसवाई में,
मैं उसके दिए हर एक गम का खुद को हक़दार समझता हूँ ! MONIKA SINGH Anuj Yadav Anshika Gangwar
sach9615974534050

sachin yadav

Bronze Star
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