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आहिस्ता आहिस्ता धड़कनें चलीं बिंदिया चमकी










आहिस्ता आहिस्ता धड़कनें चलीं
बिंदिया चमकी माथे पर
लबों ने खुशी के चुंबन का दस्तखत
मेरे गाल पर किया
फिर होते रहे दिन भर के सारे काम
जिनका आधार उसका प्रेम था...!!!

©Vivek
  #उसका प्रेम
vivek7712018445095

Vivek

New Creator

#उसका प्रेम #कविता

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