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आपको वक़्त चाहिए था, हमें जज़्बात-ए-जिक्र की कमी थी।

आपको वक़्त चाहिए था,
हमें जज़्बात-ए-जिक्र की कमी थी।
आपको लफ्ज़-ए-इज़हार चाहिए था,
हमें बिन अल्फ़ाज़ इक़रार की जरूरत थी।।
आप हमें गलत ठहरा रहे थे,
हम आपसे ज्यादा खुद को गलत करार दे रहे थे।
यह समझना आपके बस में न रहा,
दोनों एक दूसरे के वास्ते घुट घुट आह भर रहे थे।।
मोहब्बत चीज़ आज भी नासूर रहा,
शायद इसे समझना बस में और नहीं मेरा।।

©BINOदिनी #DiyaSalaai #मोहब्बत❤ #दिल_की_कलम_से
आपको वक़्त चाहिए था,
हमें जज़्बात-ए-जिक्र की कमी थी।
आपको लफ्ज़-ए-इज़हार चाहिए था,
हमें बिन अल्फ़ाज़ इक़रार की जरूरत थी।।
आप हमें गलत ठहरा रहे थे,
हम आपसे ज्यादा खुद को गलत करार दे रहे थे।
यह समझना आपके बस में न रहा,
दोनों एक दूसरे के वास्ते घुट घुट आह भर रहे थे।।
मोहब्बत चीज़ आज भी नासूर रहा,
शायद इसे समझना बस में और नहीं मेरा।।

©BINOदिनी #DiyaSalaai #मोहब्बत❤ #दिल_की_कलम_से