जिंदगी की तेज रफ्तार के साथ तो कभी चल नहीं पा ई मैं मेरा तो कारवां ही वही ठहरा है जहां से छूट नहीं पाई मैं फिर से शुरू करने की हिम्मत कभी ला नहीं पाई मैं इंतजार आंखों में लिए अभी तक बैठी हूं जिससे। मिल भी नहीं पाई मैं उसे इल्म भी नहीं आधी उम्र मेरी गुजरी उसके इंतजार में जिसे कभी भूला नहीं पाई मैं अब तो ऐसे जीने की आदत सी लगा ली मैंने जैसे रोशनी की परछाई मैं। ©jyoti ahuja #intezar