बेसबब बेसब्र जिनके इन्तेज़ार में बैठे हैं, देखो वो ही आज हमसे बेइंतहा रूठे है, जो मालूम होती मुझे मेरी क्या है खता, दे चुका होता कबका खुद को उसकी सज़ा, देखो उन्हें हमसे कैसे बग़ावत किए बैठे हैं, खुद की खता हमारे माथे मढ़े हम ही पर ऐंठे है, उनकी इस ऐंठ में भी हमे उनका ही ऐतबार है, उन्हें पता ही कहाँ है हमें उनसे कितना प्यार है।। #82 #love