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वो इक लम्हे की तरह थी, जो आहिस्ता आहिस्ता मेरे हा

वो इक लम्हे की तरह थी, जो आहिस्ता आहिस्ता मेरे  हाथ से फिसलती रही
मैं चाहता तो कस कर पकड़ लेता उसे,
मगर मेरी ये पकड़ कब उसके लिए जकड बन जाती और उसका दम घुट जाता #nojotohindi #sadlove #lovequotes
वो इक लम्हे की तरह थी, जो आहिस्ता आहिस्ता मेरे  हाथ से फिसलती रही
मैं चाहता तो कस कर पकड़ लेता उसे,
मगर मेरी ये पकड़ कब उसके लिए जकड बन जाती और उसका दम घुट जाता #nojotohindi #sadlove #lovequotes