मेरी उदास सी ज़िन्दगी सी ज़िन्दगी कुछ नए ख़्वाब संजो रही थी एक -एक मुलाकात को मोतियों सा अपने लम्हो में पिरो रही थी आँखों में इंद्रधनुष से सपने थे और ज़ज़्बातों को तितली को जैसे तितली के पंख लग रही थी तुम्हारे साथ जाने कितने ही अरमान वक़्त के डिब्बो में छुपा रही थी ⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️ #Nature#night#december#day19 मेरी उदास सी ज़िन्दगी कुछ नए ख़्वाब संजो रही थी एक-एक मुलाकात को मोतियों सा लम्हो में पिरो रही थी आँखों में इंद्रधनुष से सपने थे, ज़ज़्बात को जैसे तितली के पंख लग रही थी