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तेरा यूँ रोज रोज याद करना मुझे, तेरा मुड़ मुड़ कर यू

तेरा यूँ रोज रोज याद करना मुझे,
तेरा मुड़ मुड़ कर यूँ देखना मुझे,,

"क्या फिर से मुहब्बत हो गयी बताना मुझे"

तूने ही तो कहा था अब न लौटूंगी,
न आऊंगी पास न याद करना मुझे,,

"क्या फिर से पा लेने का मन करता है मुझे"

क्यों भूल गयी अपनी दी कसमें को तू,
अब क्यों  पास बुलाती है मुझे,,


"क्या फिर से रुलाने की याद आयी है मुझे"

कवि आदित्य बजरंगी #मुहब्बते
तेरा यूँ रोज रोज याद करना मुझे,
तेरा मुड़ मुड़ कर यूँ देखना मुझे,,

"क्या फिर से मुहब्बत हो गयी बताना मुझे"

तूने ही तो कहा था अब न लौटूंगी,
न आऊंगी पास न याद करना मुझे,,

"क्या फिर से पा लेने का मन करता है मुझे"

क्यों भूल गयी अपनी दी कसमें को तू,
अब क्यों  पास बुलाती है मुझे,,


"क्या फिर से रुलाने की याद आयी है मुझे"

कवि आदित्य बजरंगी #मुहब्बते